ADARSH PANDEY

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लेखनी कहानी -04-Jun-2022

अपने ख़ुशी का रौनक तुझे अदा करता हूँ
ये दिल भी अब तुझपे ही कुर्बान करता हूँ

अब नये नये तरीकों को इश्क मे शामिल किया करो 
ये बार बार उसी तरह मुस्कुराते छु ना अच्छा नही लगता

कोई गर नया मरज हो तो ही इलाज़ करू तुम्हरा
नही तो बार बार इंजेकशन लगाना अच्छा नही लगता

कुछ प्यास जिंदगी भर अधूरे रह ,जाते है।
अगर उन्हे पुरा समंदर देदो ,तो प्यासे रह जाते है।।

लेखक आदर्श

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5 Comments

Seema Priyadarshini sahay

06-Jun-2022 12:19 PM

बहुत खूबसूरत

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Abhinav ji

06-Jun-2022 08:47 AM

Nice👍

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Swati chourasia

05-Jun-2022 07:23 AM

बहुत खूब 👌

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